Saturday, August 1, 2015

GURU MANTRA KI MAHATTHA

गुरु मंत्र 
ॐ परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः 




प - पराकाष्टा - भौतिक और आध्यात्मिक 
र - अग्नि तत्त्व - सारा ब्रह्माण्ड का ज्ञान 
म - माधुर्य - आत्मिक शांति 
त - तत्वमसि - असीमित शक्ति 
वा - वायु - पांच प्रकार ,क्रिया योग में पारंगत 
य - यम - यम पर पूर्णे विजय ,आकर्षक व्यक्तित्व 
ना - नाद - दिव्य संगीत 
रा - रास - दिव्य उत्सव ,पूर्ण कुण्डलिनी जागरण 
य - यथार्थ , परम सत्य 
ण - अणु या ब्रह्म - अष्ट सिद्धि 
य - यज्ञ शास्त्र में पारंगत 
गु - गुंजरन  - गुरु का बीज मंत्र 
रु - रूद्र - कभी वृद्ध नहीं होता ,सर्वव्यापी ,सर्वज्ञाता और सर्वशक्तिशाली 
यो - योनि - फिर जन्म नहीं लेना पड़ता ,शिव की शक्ति 
न - नवीनता - एक नयापन ,हर क्षण नया व्यक्तित्व 
म - मातृत्व - असीमित ममता 

                                                                                 जय गुरुदेव 

No comments:

Post a Comment