गुरु मंत्र
ॐ परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः
प - पराकाष्टा - भौतिक और आध्यात्मिक
र - अग्नि तत्त्व - सारा ब्रह्माण्ड का ज्ञान
म - माधुर्य - आत्मिक शांति
त - तत्वमसि - असीमित शक्ति
वा - वायु - पांच प्रकार ,क्रिया योग में पारंगत
य - यम - यम पर पूर्णे विजय ,आकर्षक व्यक्तित्व
ना - नाद - दिव्य संगीत
रा - रास - दिव्य उत्सव ,पूर्ण कुण्डलिनी जागरण
य - यथार्थ , परम सत्य
ण - अणु या ब्रह्म - अष्ट सिद्धि
य - यज्ञ शास्त्र में पारंगत
गु - गुंजरन - गुरु का बीज मंत्र
रु - रूद्र - कभी वृद्ध नहीं होता ,सर्वव्यापी ,सर्वज्ञाता और सर्वशक्तिशाली
यो - योनि - फिर जन्म नहीं लेना पड़ता ,शिव की शक्ति
न - नवीनता - एक नयापन ,हर क्षण नया व्यक्तित्व
म - मातृत्व - असीमित ममता
जय गुरुदेव
ॐ परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः
प - पराकाष्टा - भौतिक और आध्यात्मिक
र - अग्नि तत्त्व - सारा ब्रह्माण्ड का ज्ञान
म - माधुर्य - आत्मिक शांति
त - तत्वमसि - असीमित शक्ति
वा - वायु - पांच प्रकार ,क्रिया योग में पारंगत
य - यम - यम पर पूर्णे विजय ,आकर्षक व्यक्तित्व
ना - नाद - दिव्य संगीत
रा - रास - दिव्य उत्सव ,पूर्ण कुण्डलिनी जागरण
य - यथार्थ , परम सत्य
ण - अणु या ब्रह्म - अष्ट सिद्धि
य - यज्ञ शास्त्र में पारंगत
गु - गुंजरन - गुरु का बीज मंत्र
रु - रूद्र - कभी वृद्ध नहीं होता ,सर्वव्यापी ,सर्वज्ञाता और सर्वशक्तिशाली
यो - योनि - फिर जन्म नहीं लेना पड़ता ,शिव की शक्ति
न - नवीनता - एक नयापन ,हर क्षण नया व्यक्तित्व
म - मातृत्व - असीमित ममता
जय गुरुदेव
No comments :
Post a Comment